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Wednesday, June 11, 2025

ऑपरेशन सिंदूर के बाद अल्मोड़ा में दो मंत्रियों के बीच सियासी ताकत दिखाने की मची होड़

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अल्मोड़ा। जिले के दो मंत्रियों के बीच की अदावत कोई नई नहीं है। अक्सर वह लोगों के सामने आ ही जाती है। अभी पाकिस्तान से सीज फायर के बाद सैनिकों की वीरता के सम्मान में तिरंगा यात्रा निकाली जा रही है। 

आगे निकलने की होड़ में दोनों नेता कार्यक्रमों के माध्यम से अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा को साधते हुए भी दिखाई दे रहे हैं। दोनों नेताओं की यह यात्राएं भाजपा कार्यकर्ताओं व लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई हैं। 

भाजपा के दो कद्दावर नेताओं सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री अजय टम्टा और प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या के बीच सियासी वर्चस्व की जंग कोई नई नहीं है। 

पाकिस्तान को सबक सिखाने के बाद भाजपा पूरे देश में तिरंगा यात्रा निकाल रही है। इसी के तहत सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री अजय टम्टा की अगुआई में बीते 16 मई को अल्मोड़ा जिले के जिला मुख्यालय समेत विभिन्न ब्लाकों में तिरंगा यात्रा निकाली गई। 

इसी क्रम में 20 मई मंगलवार को सोमेश्वर में कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या की अगुआई में तिरंगा यात्रा निकाली जानी है। लेकिन तिरंगा यात्रा से एक दिन पूर्व 19 मई को जिला मुख्यालय में सर्व समाज को जोड़ने के लिए सिंदूर सम्मान यात्रा निकाल दी गई। 

असल में दोनों नेताओं के बीच सियासी जंग की शुरुआत 2012 से शुरु हो गई थी, जो वर्ष 2014 में हुए लोक सभा चुनाव में खुलकर सामने आ गई। वर्ष 2012 में सोमेश्वर विधानसभा सीट से एक ओर भाजपा के टिकट से अजय टम्टा चुनावी मैदान में थे तो दूसरी और निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर रेखा आर्या ने ताल ठोक दी। 

कांटे की इस टक्कर में अजय टम्टा विधानसभा चुनाव जीतने में सफल रहे। इसके बाद वर्ष 2014 में अजय टम्टा को अल्मोड़ा संसदीय सीट से दोबारा टिकट मिला और वह जीतने में सफल रहे। जिसके बाद सोमेश्वर विस सीट पर उपचुनाव हुए। 

इस उपचुनाव में रेखा आर्या कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ी और जीत दर्ज करने में सफल रही। तब से सोमेश्वर सीट पर रेखा आर्या ही काबिज है। इसके बाद वह वर्ष 2017 में भाजपा में शामिल हो गई। 11 वर्ष पूर्व शुरु हुई अदावत अब तक जारी है। 

दोनों नेताओं की महत्वाकांक्षा प्रदेश के दलित नेता के रूप में उभरने की है। अब पहले पंचायत और विधानसभा चुनाव भी होने है। पार्टी के अंदर अपनी ताकत दिखाने को आए दिन दोनों नेताओं के बीच इस तरह का सियासी घमासान होते रहता है।

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