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Wednesday, June 11, 2025

*केंद्र सरकार ने तीनों नए आपराध‍िक कानूनों को 1 जुलाई, 2024 से लागू करने का नोट‍िफ‍िकेशन जारी*

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दिल्ली। 23 फरवरी को जारी क‍िए गए इस नोट‍िफ‍िकेशन के बाद अब वर्तमान में लागू ब्र‍िट‍िश काल के भारतीय दंड संहिता, आपराध‍िक प्रक्रिया संहिता और 1872 के भारतीय साक्ष्य अधिनियम न‍िर्धार‍ित तारीख से खत्‍म हो जाएंगे.

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Three New Criminal Laws Notify: केंद्र सरकार ने तीनों नए आपराध‍िक कानूनों को 1 जुलाई, 2024 से लागू करने का नोट‍िफ‍िकेशन जारी कर द‍िया है. 23 फरवरी को जारी क‍िए गए इस नोट‍िफ‍िकेशन के बाद अब वर्तमान में लागू ब्र‍िट‍िश काल के भारतीय दंड संहिता, आपराध‍िक प्रक्रिया संहिता और 1872 के भारतीय साक्ष्य अधिनियम न‍िर्धार‍ित तारीख से खत्‍म हो जाएंगे.

 

केंद्र सरकार की ओर से अधिसूचित किए गए भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम तीनों नए कानून आपराधिक न्याय प्रणाली को पूरी तरह से बदलने का काम करेंगे. तीनों कानूनों का खास मकसद विभिन्‍न अपराधों को परिभाषित करके उनके लिए सजा तय करके देश में आपराधिक न्याय स‍िस्‍टम को पूरी तरह से बदलना है.

सरकार ने वाहन चालक की ओर से हिट एंड रन के मामलों से संबंधित प्रावधान को लागू नहीं करने का निर्णय लिया है, जैसा कि ट्रक चालकों से वादा किया गया था. ट्रक चालकों ने इन प्रावधानों का विरोध किया था. कानून के प्रावधान सामने आने के बाद ट्रक चालकों ने धारा 106 (2) के प्रावधान का विरोध किया था. इसमें उन लोगों को 10 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है, जो तेज गति और लापरवाही से वाहन चलाकर किसी व्यक्ति की मौत का कारण बनते हैं और घटना के बारे में पुलिस को सूचना दिए बिना भाग जाते हैं.

आइए समझते हैं क‍ि इन कानूनों के लागू होने के बाद क‍िस तरह से आपराधिक न्याय प्रणाली में क्‍या-क्‍या बड़े बदलाव आएंगे:-

 

भारतीय न्‍याय संह‍िता में यह तय होगा क‍ि कौन सा कृत्‍य अपराध है और उसके ल‍िए क्‍या सजा होगी. आईपीसी कानून में 511 धाराएं थीं जबक‍ि नए बीएनएस में 358 धाराएं होंगी. नए कानून में 21 नए अपराधों को भी सम्‍मलि‍त क‍िया गया है.

सीआरपीसी में 484 धाराएं थीं, जबकि भारतीय नागर‍िक सुरक्षा संह‍िता (बीएनएसएस) में 531 धाराएं होंगी. नए कानून में सीआरपीसी की 177 धाराओं को बदला गया है और 9 नई धाराएं जोड़ी गई हैं. नए कानून को लाते हुए 14 धाराएं समाप्‍त भी गई हैं. ग‍िरफ्तारी, जांच और मुकद्दमा चलाने आद‍ि की प्रक्र‍िया सीआरपीसी में होती है.

भारतीय साक्ष्य अधिनियम के तहत 170 धाराएं होंगी, जबक‍ि अभी तक इसमें 166 धाराएं हैं. मुकद्दमे के सबूतों को कैसे साबित क‍िया जाएगा, बयान कैसे दर्ज होंगे, यह सब अब भारतीय साक्ष्य अधिनियम के तहत 170 धाराओं के तहत ही होगा. नए कानून लाने में 24 घाराओं में बदलाव क‍िया गया है और 2 नई धाराएं भी साक्ष्‍य अध‍िन‍ियम में जोड़ी गई हैं. नए कानून में पुरानी 6 धाराओं को समाप्‍त भी कि‍या गया है.

आतंकवाद, मॉब लींच‍िंग और राष्‍ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने वाले अपराधों के ल‍िए सजा को और सख्‍त बनाया गया.

नए कानून में 23 अपराधों में अन‍िवार्य न्‍यूनतम सजा के प्रावधान को भी शामि‍ल क‍िया गया है. 6 तरह के अपराधों में कम्‍युन‍िटी सर्व‍िस की सजा का प्रावधान भी क‍िया गया है. नये कानून में केस का निपटारा करने के ल‍ि‍ए टाइमलाइन होगी. इसमें फॉरेंसिक साइंस के इस्तेमाल का भी प्रावधान होगा.

राजद्रोह को अब अपराध नहीं माना जाएगा. नए कानून की धारा 150 के तहत एक नया अपराध जोड़ा गया है. इसके तहत भारत से अलग होने, पृथकावादी भावना रखने या भारत की एकता एवं संप्रभुता को खतरा पहुँचाने को अपराध बताया गया है. यह देशद्रोह का अपराध होगा.

नए कानूनों में मॉब लिंचिंग, यानी जब 5 या इससे ज्‍यादा लोगों का एक समूह मिलकर जाति या समुदाय आदि के आधार पर हत्या करता है, तो ग्रुप के हर सदस्य को आजीवन कारावास की सजा दी जाएगी.

नए कानूनों में नाबाल‍िग से दुष्‍कर्म करने के दोष‍ियों को अब फांसी की सजा दी जा सकेगी. गैंगरेप के मामलों में 20 साल की कैद या आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान किया गया है. इसके अलावा नाबालिग के साथ गैंगरेप को नए अपराध की श्रेणी में रखा गया है.

नए कानून में आतंकवादी कृत्य, जो पहले गैर कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम जैसे खास कानूनों का हिस्सा थे, इसे अब भारतीय न्याय संहिता में शामिल किया गया है. नए कानूनों के तहत जो भी शख्स देश को नुकसान पहुंचाने के लिए डायनामाइट या जहरीली गैस जैसे खतरनाक पदार्थों का इस्तेमाल करते हैं, उन्हें आतंकवादी माना जाएगा.

पॉकेटमारी जैसे छोटे संगठित अपराधों पर भी नकेल कसने का प्रावधान नए कानूनों में क‍िया गया है. इस तरह के संगठित अपराधों से निपटने के लिए राज्यों के अपने कानून थे.

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